Wednesday, February 22, 2012

defination of love

प्रेम- किसी व्यक्ति के लिए तुमने अपने जीवन के सब दरवाजे खुले छोड़ दिए और किसी व्यक्ति ने  तुम्हारे लिए अपने सब दरवाजे खुले छोड़ दिए \ प्रेम का यही अर्थ होता है की दो व्यक्तिओ के बीच अब  छुपाने योग्य  कुछ न रहा \ सब उघडा हुआ \ दो ह्रदय अपने आवरण के बाहर आये, दो ह्रदयो ने एक दुसरे को नग्नता से  देखा , दो ह्रदय एक दुसरे के अंदर  प्रविष्ट हुए और यह प्रेम के द्वारा ही संभव है \ जैसे दो बिन्दुओ के बीच की निकटतम दूरी को रेखा कहते है वैसे ही दो व्यक्तिओ के हृदयों के  बीच की निकटतम दुरी को प्रेम  कहते है \जिसे तुम प्रेम करते हो उसमे आत्मा का बोध होना शुरू हो जाता है /जिसे तुम प्रेम नहीं करते हो वो केवल एक शरीर मात्र रह जाता है /प्रेम का पहला कदम ही जोखिम भरा है इसलिए स्त्रियाँ कभी प्रेम निवेदन नहीं करती, वे प्रतीक्षा करती है की तुम ही निवेदन करो/ जोखिम है बड़ा क्योंकि दूसरा मना कर सकता है / तुम इस योग्य न समझे गए की स्वीकार किये जाओ /प्रेम में खतरा है इसलिए विवाह पैदा हुआ /विवाह होशियारी  है प्रेम से बचने की व्यवस्था है /माँ बाप इंतजाम करते है सीधा निवेदन नहीं करना पड़ता /जैसे तुम किसी के भाई हो किसी की बहिन हो वैसे ही अचानक एक दिन किसी के पति या पत्नी हो जाते हो /उसके लिए तुम्हे जोखिम नहीं उठानी पड़ती /लेकिन जब  जोखिम नहीं उठाया तो सारा जीवन व्यर्थ हो जाता है /इसलिए ये दुस्साहस जरुरी है /विवाह पैदा हुआ ताकि प्रेम से बचा जा सके लेकिन  लोग सोचते है की विवाह प्रेम के लिए है /विवाह के बाद पति पत्नी को आपस में प्रेम हो जाता है,लेकिन  साथ रहने की वजह से/
प्रेम अमृत भी हो सकता है और जहर भी हो सकता है ये तुम पर निर्भर करता की तुम उसे क्या बनाते हो, 

2 comments:

  1. hum dua karte hain ki yeh holi aap sab ki zindagi ko khoob saare rango se rangeen karde...hurrey...
    holi hai..!!!

    "feel all the colours"



    "enjoy"

    ReplyDelete